महफीले शायरी apnaak
शनिवार, 9 जुलाई 2022
खुखार लगता हु
दोस्तों के साथ खुलेआम फिरता हूं
और अकेला रहु तो शेर की तरह चलता हू
और आ मत जाना कभी लपेटे में
क्योंकि अकेले में भी बोहत खुखार लगता हु
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